Supreme Court | सर्वोच्च न्यायालय | उच्चतम न्यायालय | अनुच्छेद 124
सर्वोच्च न्यायालय
Supreme Court
Art -124 से 147
• भारतीय संविधान के तहत एकीकृत न्याय व्यवस्था की स्थापना की गई है। जिसमेंं शीर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय एवं उसके अधीन उच्च न्यायालय तथा अधीनस्थ न्यायालयोंं की श्रेणियांं है।
• न्यायपालिका की यह एकल प्रणाली भारत सरकार अधिनियम 1935 से ली गई है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को किया गया था।
• भारतीय संविधान के भाग 5 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित प्रावधान अनुच्छेद 124 से 147 में उल्लिखित है।
• सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति अन्य न्यायाधीशों एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह के बाद करता है।
• मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति अन्य न्यायाधीशों एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह के बाद करता है। इसी तरह अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भी होती है। अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति मैं मुख्य न्यायाधीश का परामर्श आवश्यक है।
• सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए किसी व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए।
• उसे किसी उच्च न्यायालय का कम से कम 5 वर्ष के लिए न्यायाधीश होना चाहिए।
• या उसे उच्च न्यायालय या विभिन्न न्यायालयों में मिलाकर 10 वर्ष तक वकील होना चाहिए।
• राष्ट्रपति के विचार में वह कानून का ज्ञाता हो।
• सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होने के लिए संविधान में न्यूनतम आयु का उल्लेख नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि संसद कर सकती है।
• सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति शपथ दिलाते हैं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश राष्ट्रपति को संबोधित कर अपना त्यागपत्र दे सकते हैं।
• सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा हटाए जा सकते हैं जब इस प्रकार हटाए जाने हेतु संसद द्वारा उसे सत्र में ऐसा संबोधन किया गया हो।
• इस आदेश को संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत ( यानी संसद की कुल सदस्य का बहुमत तथा सदन में उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों का दो तिहाई ) का समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
• न्यायाधीशों को हटाने का आधार उनका दुर्व्यवहार या सिद्ध कदाचार होना चाहिए।
• इस शक्ति के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर विधाई व कार्यकारी आदेशों की संवैधानिकता की जांच की जाती है।
• उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन संसद द्वारा निर्धारित होता है सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश सेवानिवृत्ति के बाद भारत के किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकते हैं।
• अनुच्छेद 127 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के किसी सत्र के लिए न्यायाधीशों का कोरम पूरा करने हेतु तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।
• सर्वोच्च न्यायालय में संविधान के निर्वाचन से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए न्यायाधीशों की संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए। इसे संविधान पीठ के रूप में किया अभिहित जाता है ।
• संविधान के अनुच्छेद 129 के अनुसार उच्चतम न्यायालय अभिलेख न्यायालय है उसे अपने ओमान के लिए दंड देने की शक्ति है अभिलेख न्यायालय का अर्थ है कि इसके सभी निर्णयों का साक्षात मक मूल्य होता है।
• अनुच्छेद 131 में केंद्र और राज्यों के बीच दो या अधिक राज्यों के बीच तथा भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों और दूसरी ओर एक या अधिक अन्य राज्यों के बीच होने वाले विवादों का निर्णय करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति मूल अधिकारिता के अंतर्गत आती है।
• अनुच्छेद 132 से 136 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार का उल्लेख किया गया है।
• भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 के अंतर्गत अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत है।
• अनुच्छेद 137 के अंतर्गत निर्णय आदेशों का उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन (Review) किया जाता है। भारतीय संविधान में न्यायिक पुनर्विलोकन का आधार विधि का शासन है। संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को है।
• सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का संरक्षक या अभिभावक कहा जाता है।
• अनुच्छेद 143 के अंतर्गत राष्ट्रपति विधि या तथ्य के व्यापक महत्व के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का अधिकार संसद को है। देश के किसी न्यायालय में चल रहे मामले को अन्यत्र भेजने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को है।
• संविधान के अनुच्छेद 141 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विधि भारत के सभी न्यायालय पर आबद्धकर होती है।
• केशवानंद भारती (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत प्रतिपादित किया।
• अनुच्छेद 132 से 136 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार का उल्लेख किया गया है।
• भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 के अंतर्गत अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत है।
• अनुच्छेद 137 के अंतर्गत निर्णय आदेशों का उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन (Review) किया जाता है। भारतीय संविधान में न्यायिक पुनर्विलोकन का आधार विधि का शासन है। संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को है।
• सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का संरक्षक या अभिभावक कहा जाता है।
• अनुच्छेद 143 के अंतर्गत राष्ट्रपति विधि या तथ्य के व्यापक महत्व के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का अधिकार संसद को है। देश के किसी न्यायालय में चल रहे मामले को अन्यत्र भेजने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को है।
• संविधान के अनुच्छेद 141 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विधि भारत के सभी न्यायालय पर आबद्धकर होती है।
• केशवानंद भारती (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत प्रतिपादित किया।
Nice 👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंNice Guruji
जवाब देंहटाएंGajab
जवाब देंहटाएं👌👌👌👌❄❄🌨🌨🧣🧣
जवाब देंहटाएंNYC GURUJI
जवाब देंहटाएंSuperb
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