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धारा 370 एवं अनुच्छेद 35(A) संपूर्ण जानकारी, एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न



     नमस्कार दोस्तों, मैं हूं S.chauhan
           
              दोस्तों आज हम आपको अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35(A) की समाप्ति के बारे में बताएंगे। यदि आप इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ लोगे तो आपके कंपटीशन में यदि धारा 370 से कोई प्रश्न बनता है तो मैं उम्मीद करता हूं कि आपको वह प्रश्न जरूर मिलेगा क्योंकि मैं जो यह पोस्ट लिख रहा हूं आपके इस प्रतियोगिता के दौर में आजकल कमीशन द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के आधार पर ही लिख रहा हूं। जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा प्रश्न मिलने की संभावना होगी। इस पोस्ट को बहुत ध्यान से पढ़िएगा और अपने प्रश्नों को नोट कर लीजिएगा।





अनुच्छेद- 370 एवं अनुच्छेद 35 (A) की समाप्ति

• केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में 5 अगस्त 2019 को दो संकल्प पत्र प्रस्तुत किए गए जो अनुच्छेद 370 के संबंध में 1954 के आदेश को निरस्त करने से संबंधित थे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 भी उन्होंने सदन में प्रस्तुत किया जिसमें जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन करके दो नए केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख का प्रावधान किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में एक अन्य विधेयक जो जम्मू कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 तथा अनुच्छेद 35(A) की समाप्ति के लिए था,प्रस्तुत किया।

• पक्ष एवं विपक्ष के विरोध एवं जोरदार बहस के बीच राज्यसभा व लोकसभा ने इन प्रस्तावों तथा पुनर्गठन विधेयक को 5 व 6 अगस्त 2019 को पारित कर दिया तथा 9 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह संसद द्वारा विधिवत पारित कानून बन गये।

• कश्मीर अब भारत का अभिन्न अंग हो गया है तथा उसके लिए अलग से नागरिकता निर्धारित करने वाला अनुच्छेद 35(A) स्वत: ही निष्प्रभावी हो गया है।

• गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य होने पर उसे राज्य का दर्जा पुनः दे दिया जाएगा।

• जम्मू कश्मीर के संबंध में यह ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाने से पहले केंद्र द्वारा भारी सावधानियां बरती गई थी।

• प्रदेश में इंटरनेट व संचार सेवा बंद रखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया था। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पहले नजरबंद रखा गया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर रखा गया है।

• जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस सहित अलगाववादी नेताओं ने अनुच्छेद 370 की समाप्ति को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला दिन बताते हुए इसका विरोध किया है। वही संपूर्ण भारत ने इसे कश्मीर एवं लद्दाख के लिए सही मायनों में पूर्ण आजादी का दिन बताया है।

• अनुच्छेद 370 के विरोध में पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, जनता दल, एनसीपी, एवं वाम दल आदि थे।

• इस परिवर्तन के बाद वर्तमान में भारत में 28 राज्य एवं 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं।

         उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद के सारे प्रावधान 31 अक्टूबर 2019 के बाद प्रभावी होंगे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने एवं जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर 1 अक्टूबर 2019 को सुनवाई करते हुए अगली तिथि 15 नवंबर 2019 निर्धारित की है।


फैसले से पहले प्रावधान
• जम्मू कश्मीर में दोहरी नागरिकता का प्रावधान था यहां का अलग संविधान और ध्वज था।

• प्रदेश से बाहर के लोगों को यहां जमीन खरीदने, सरकारी नौकरी पाने, तथा शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने का अधिकार नहीं था।

• जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता था। भारत की संसद यहां के संबंध में सीमित दायरे में ही कानून बना सकती थी। यहां पर राज्यपाल की नियुक्ति होती थी।
• रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती थी।

• जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी करती थी तो उस महिला की जम्मू कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाती थी।

• यदि कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी।

• राज्य में आपातकाल की स्थिति में राज्यपाल शासन लगाए जाने का प्रावधान था। कश्मीर में हिंदू, सिख आदि अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था।

• सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और सीएजी लागू नहीं होता था, यहां रणबीर दंड संहिता लागू थी।

• बाहरी राज्यों का व्यक्ति न तो मतदान कर सकता था और न ही चुनाव में उम्मीदवार बन सकता था।

• सर्वोच्च न्यायालय के फैसले मान्य नहीं होते थे।


फैसले के बाद प्रावधान
• दोहरी नागरिकता, अलग संविधान और अलग ध्वज का प्रावधान खत्म हो जाएगा, तिरंगे और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अब अपराध माना जाएगा‌।

• देश का कोई भी नागरिक यहां संपत्ति खरीद सकेगा, व्यापार कर सकेगा, और नौकरी पा सकेगा।

• जम्मू-कश्मीर अब दिल्ली की तरह विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। इसका कार्यकाल 5 वर्ष का है। लद्दाख पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।

• जम्मू कश्मीर व लद्दाख में अब उप-राज्यपाल का पद होगा। राज्य की पुलिस केंद्र के अधिकार क्षेत्र में रहेगी।

• किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी के बाद जम्मू-कश्मीर की महिला के अधिकारों में नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पाकिस्तानी नागरिकों को मिला विशेषाधिकार खत्म कर दिया गया है।

• अब यहां अनुच्छेद 356 का भी इस्तेमाल हो सकेगा। अब अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

• वित्तीय आपातकाल के समय अब जम्मू एवं कश्मीर में भी अनुच्छेद 360 लागू हो सकेगा।

• सूचना का अधिकार और शिक्षा के अधिकार जैसे कानून भी लागू हो जाएंगे। यहां अब भारतीय दंड संहिता भी प्रभावी होगी। नए कानून और कानून में होने वाले संशोधन खुद-ब-खुद जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।

• भारत का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर का मतदाता और चुनाव में उम्मीदवार बन सकेगा।

• सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किए गए फैसले अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर भी मान्य होंगे।


 
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      Thank you

26 टिप्‍पणियां:

  1. As I am the student of Allahabad academy from last 2 month ... And after joining this institution.. I am improving simultaneously .. thankyou for this blog.. it will help us a lot ..ty 😊😊

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