लोकसभा ( Lower House ) Important Facts For All Competitive Exams
Lower House
लोकसभा
● स्वतंत्र भारत में प्रथम आम चुनाव वर्ष 1951-52 में आयोजित हुए। गणतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ।
● संविधान में लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। वर्तमान में सदन के सदस्यों की संख्या 545 है। जिनमें 530 सीट राज्यों के लिए 20 सीटें केंद्र शासित प्रदेशों के लिए और 2 सदस्य आंग्ल भारतीय समुदाय के हैं।
● आंग्ल भारतीय समुदाय के सदस्य को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है।
● 84 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2001 के द्वारा लोकसभा की सीटों में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
● सदन में राज्यवार सीटों का आवंटन जनसंख्या के आधार पर किया गया है।
अनिवार्य योग्यताएं एवं आवश्यक शर्तें
● लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं आवश्यक है-
1. लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।
2. वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
3. वह किसी न्यायालय द्वारा दिवालिया अथवा पागल घोषित नहीं होना चाहिए।
4. वह केंद्र अथवा किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए।
● लोकसभा चुनाव की उम्मीदवार की जमानत राशि ₹25000 तथा विधानसभा चुनाव में जमानत राशि ₹10000 होगी।
कार्यकाल
● लोकसभा का अधिकतम कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, किंतु प्रधानमंत्री की सलाह से राष्ट्रपति 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान में भी लोकसभा को भंग कर सकता है। ऐसी घटना अब तक 8 बार हो चुकी है।
● आपातकाल की घोषणा लागू होने पर संसद विधि द्वारा लोकसभा के कार्यकाल में एक बार में 1 वर्ष के लिए वृद्धि कर सकता है। 1970 में लोकसभा का कार्यकाल 2 बार एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। आपातकाल की समाप्ति के बाद लोकसभा का कार्यकाल 6 माह से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
लोकसभा के पदाधिकारी
अस्थाई अध्यक्ष ( Protem Speaker )- आम चुनाव के बाद जब लोकसभा पहली बार बैठक के लिए आमंत्रित की जाती है तो राष्ट्रपति लोकसभा के किसी वरिष्ठतम सदस्य को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करता है, जिससे कि नए सदस्य शपथ आदि ले सके और अपना अध्यक्ष चुने सके।
लोकसभा अध्यक्ष
● नई लोकसभा चुनाव के बाद अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा द्वारा स्वयं ही अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है जिनका कार्यकाल उस लोकसभा के कार्यकाल तक होता है किंतु इससे पहले भी इन दोनों को निम्न विधि द्वारा उनके पद से हटाया जा सकता है-
1. यदि अध्यक्ष उपाध्यक्ष को और उपाध्यक्ष अध्यक्ष को अपनी स्वेच्छा से त्यागपत्र सौंप दें।
2. लोकसभा के तत्कालीन उपस्थित सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प प्रस्ताव द्वारा लोकसभा के अध्यक्ष को उसके पद से हटाया जा सकता है। ऐसे संकल्प प्रस्ताव को पेश करने के लिए इस आशय की सूचना सदन को कम से कम उन्हें 14 दिन पहले देनी अनिवार्य होती हैं। यह प्रस्ताव पहली बार 18 दिसंबर 1954 को लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर के विरुद्ध लाया गया था किंतु वह पारित नहीं हो सका था।
● लोकसभा अध्यक्ष अपने पद की शपथ नहीं लेता बल्कि सामान्य संसद सदस्य के रूप में शपथ लेता है।
● लोकसभा के भंग होने की स्थिति में अध्यक्ष का पद अगली लोकसभा की पहली बैठक होने तक रिक्त नहीं होता। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा तथा उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में 6 वरिष्ठ सदस्यों के पैनल में से किसी एक सदस्य द्वारा की जाती है।
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