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What is CAB? || CAB क्या है? || What is citizenship amendment Bill 2019 || नागरिकता संशोधन बिल क्या है?

What is CAB ? नागरिकता संशोधन बिल क्या है?

CAB से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

1.  CAB ( citizenship amendment Bill ) नागरिकता संशोधन विधेयक, नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव करने वाला बिल है। इस बिल के पारित होने के बाद भारत के कुछ पड़ोसी देशों जैसे-  पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश समेत आसपास के देशों से भारत आने वाले हिंदू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इस बिल की सबसे बड़ी बात यह है कि मुस्लिम समुदाय को इससे बाहर रखा गया है। जिसके चलते देशभर में विरोध हो रहा है। CAB को सबसे पहले 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था। जिसके बाद उसे संसदीय समिति के हवाले कर दिया गया था। 2019 में बीजेपी सरकार CAB को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास करने में कामयाब रही।


2. CAB पास होने के बाद नागरिकता मिलना कैसे होगा आसान?

नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थी जो भारत आएंगे उनके लिए बिना वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।नागरिकता प्राप्त करने के लिए अब गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में कम से कम 6 वर्ष बिताने होंगे इससे पहले 11 वर्ष बिताने होते थे।

3. CAB पर विरोध क्यों?

CAB को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा है। विपक्ष का मुख्य विरोध धर्म को लेकर है। CAB में मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों को आसानी से नागरिकता देने का फैसला किया गया है। विपक्ष इसी बात को उठा रहा है और मोदी सरकार के इस फैसले को धर्म के आधार पर बांटने वाला बता रहा है। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है। ओवैसी ने कहा है कि यदि इसे लागू किया जाता है, तो भारत इजराइल बन जाएगा। जिसे भेदभाव करने के लिए जाना जाता है।

4. विपक्षी पार्टी में कौन-कौन है शामिल?

मोदी सरकार को सबसे बड़ी मुश्किल यह रही है कि इस बिल का विरोध उसके घटक दल एनडीए में ही हुआ। पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी के साथी 'असम गण परिषद' ने CAB का खुलेआम विरोध किया और कहा है कि CAB को लाने से पहले बीजेपी ने  सहयोगीयो से बात नहीं की। जबकि बात करने का वादा किया था। 'असम गण परिषद' असम सरकार में बीजेपी के साथ रहे। इसके अलावा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, युवा मंडल तथा राष्ट्रीय जनता दल और AIMIM इस बिल के विरोध में है।

5.CAB से बीजेपी को क्या होगा लाभ?

असम और बंगाल जैसे राज्यों में शरणार्थियों का मुद्दा काफी हावी रहा। असम में विधानसभा चुनाव या देश में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने NRC के मसले को जोर-शोर से उठाया था। जिसका उन्हें फायदा भी मिला था। अब जब पश्चिम बंगाल में चुनाव आने वाले हैं तो उससे पहले एक बार फिर CAB बिल पर भाजपा आक्रामक हो गई। ऐसे में इस बिल को लेकर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।




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