नागरिकता(Citizenship) Important Facts Learn Here
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नागरिकता
Citizenship
भारतीय संविधान के भाग-2 के अंतर्गत अनुच्छेद 5 से 11 तक नागरिकता का उल्लेख किया गया है। भारत में ब्रिटेन के समान एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 11 के अंतर्गत संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति दी गई हैं। संसद द्वारा भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया गया है।
भारतीय नागरिकता पांच प्रकार से प्राप्त की जा सकती है -
1. जन्म से
2. वंश परंपरा द्वारा
3. पंजीकरण से
4. देशीकरण से
5. भूमि के अर्जन से
भारतीय नागरिकता का अंत तीन प्रकार से हो सकता है-
भारतीय नागरिकता का अंत तीन प्रकार से हो सकता है-
1. किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करने पर
2. नागरिकता त्यागने पर
3. सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर
अनुच्छेद 6 में पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 7 में पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों की नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 8 में भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 9 के अनुसार जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य का नागरिक हो जाता है तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
प्रवासी के रूप में रहने वाले विदेशी व्यक्ति के लिए देशीकरण के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने के लिए 10 वर्षों तक निवास करना अनिवार्य है।
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(a) के तहत पंजीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत में 7 वर्ष बिताने होंगे।
वर्ष 2015 के नए संशोधित अधिनियम में व्यवस्था की गई कि पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर सभी देशों के नागरिकों को दोहरी नागरिकता दी गई है।
2. नागरिकता त्यागने पर
3. सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर
अनुच्छेद 6 में पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 7 में पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों की नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 8 में भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है।
अनुच्छेद 9 के अनुसार जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य का नागरिक हो जाता है तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
प्रवासी के रूप में रहने वाले विदेशी व्यक्ति के लिए देशीकरण के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने के लिए 10 वर्षों तक निवास करना अनिवार्य है।
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(a) के तहत पंजीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत में 7 वर्ष बिताने होंगे।
वर्ष 2015 के नए संशोधित अधिनियम में व्यवस्था की गई कि पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर सभी देशों के नागरिकों को दोहरी नागरिकता दी गई है।
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